परखते रहे वो हमें सारी ज़िन्दगी,
हम भी उनके हर इम्तेहान में पास होते रहे,
मज़ा आ रहा था उन्हें हमारी आंसुओं की बारिश में,
हम भी उनके लिए बिना रुके रोते रहे,
बेदर्द थे वो कुछ इस क़दर,
... नींद हमारी उड़ा कर खुद चैन से सोते रहे,
जिन्हें पाने के लिए हमने सब कुछ लुटा दिया,
वो हमें हर कदम पर खोते रहे,
एक दिन हुआ जब इसका अहसास उन्हें,
वो हमारे पास आकर पूरे दिन रोते रहे,
और हम भी खुदगर्ज़ निकले यारों,
के आँखे बंद करके कफ़न में सोते रहे.....
हम भी उनके हर इम्तेहान में पास होते रहे,
मज़ा आ रहा था उन्हें हमारी आंसुओं की बारिश में,
हम भी उनके लिए बिना रुके रोते रहे,
बेदर्द थे वो कुछ इस क़दर,
... नींद हमारी उड़ा कर खुद चैन से सोते रहे,
जिन्हें पाने के लिए हमने सब कुछ लुटा दिया,
वो हमें हर कदम पर खोते रहे,
एक दिन हुआ जब इसका अहसास उन्हें,
वो हमारे पास आकर पूरे दिन रोते रहे,
और हम भी खुदगर्ज़ निकले यारों,
के आँखे बंद करके कफ़न में सोते रहे.....
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