पोटली में बंधी चवन्नियां खनखनाती हैं ज्यों ख्याल भी मेरे मन में कुछ इसी तरह बजते हैं रही नहीं कीमत जैसे अब उनकी मेरे ख्याल भी धराशायी हो गए हैं ..
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