पोटली में बंधी चवन्नियां खनखनाती हैं ज्यों ख्याल भी मेरे मन में कुछ इसी तरह बजते हैं रही नहीं कीमत जैसे अब उनकी मेरे ख्याल भी धराशायी हो गए हैं ..
गुरुवार
ऐ खुदा मुझे उस का उसे मेरा कर दे,
दिल के आंगन में चाहत का सवेरा कर दे, ऐ खुदा मुझे उस का उसे मेरा कर दे, एक बार गिरा हुस्न अपने दिवाने पर, कुछ शरमा और फिर सामने चेहरा कर दे, चलो बसा लें दुनिया नई एक-दूसरे में, आ मेरी रूह पे अपनी मोहब्बत का पहरा कर दे।
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